खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को,
कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को,
नए साल की शुभकामनाएं!
जाँते के गीतों को, बैलों की चाल को,
करघे को कोल्हू को, मछुओं के जाल को,
नए साल की शुभकामनाएं!
इस पकती रोटी को, बच्चों के शोर को,
चौंके की गुनगुन को, चूल्हे की भोर को,
नए साल की शुभकामनाएं!
वीराने जंगल को, तारों को, रात को,
ठंडी में अलाव के आगे घर की बात को,
नए साल की शुभकामनाएं!
इस चलती आंधी में हर बिखरे बाल को,
सिगरेट की लाशों पर फूलों से ख़याल को,
नए साल की शुभकामनाएं!
कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को,
हर नन्ही याद को, हर छोटी भूल को,
नए साल की शुभकामनाएं!
उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे,
उनको जो अपने गमों में चुपचाप दिखे
नए साल की शुभकामनाएं.
👏👏👍
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