वो एक दिन मेरी डायरी पढ़ने बैठी
पहला ही पन्ना पढ़ा और झटके में
पांच, छह पन्ने पलट दिए
शायद वो दर्द को पीछे छोड़ देना चाहती थी
लेकिन उसे अंदाज़ा न था
कि वह किनारा छोड़
नए साल की शुभकामनाएं! खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को, कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को, नए साल की शुभकामनाएं! जाँते के गीतों को, बैलों...
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